वाबा सहाव ने सिखाया हमें जीने का सही तरीका उस्मान सैफी

भारत रतन ,दलित एवं शोषित वर्ग के मसीहा, भारतीय संविधान के रचयिता, सिंबल ऑफ नॉलेज बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर रामपुर की तहसील स्वार स्थित महिला कल्याण बाल विकास समिति के कार्यालय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को नमन करते हुए उनको याद किया गया ।समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष उस्मान सैफी ने कार्यक्रम में कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने कानून की किताब लिखकर, हर भारतीय को सम्मान से जीने का अधिकार दिलाया। आज उनके बताए रास्ते पर चलकर दुनिया आगे बढ़ रही है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ऐसे इंसान थे जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी को अपनी दलित शोषित आबादी को सम्मान दिलाने के लिए लगा दिया । कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद उस्मान सैफी ने की, व संचालन मोहम्मद नाजिम द्वारा किया गया । कार्यक्रम में सबसे पहले देश में महामारी का रूप ले चुकी करो ना वायरस विमारी से बचने के सुझाव पेश किए गए । वक्ताओं द्वारा कहा गया कि इस वायरस से बचने का सिर्फ एक ही इलाज है कि लोग घर पर रहे। बाहर बिल्कुल ना निकले । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद उस्मान सैफी ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने शिक्षा का अधिकार दिला कर, दबे कुचले समाज को जीने का अधिकार दिया । समतामूलक समाज की स्थापना करना , और रोटी बेटी के सम्मान के लिए बाबा साहब पूरी जिंदगी लड़ते रहे । बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर भारत रतन कहलाते हैं बाबा साहब ने संविधान में सभी को बराबरी का हक दिया ,और लड़ने का हथियार भी दिया, आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत कानून की पढ़ाई की है। राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा कहा गया कि हमें चाहिए कि अपने बच्चों को अच्छी तालीम दिलाएं, खासतौर से कानून की तालीम जरूर दिलाएं, क्योंकि यह तालिब आज के दौर के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। बाबा साहब ने हमें सम्मान से जीने का अधिकार दिलाया है। इसीलिए बाबा साहब हमारे मसीहा है।