कृषक बंधु रेड राट करें उपयोग, जिलाधिकारी

कृषक बन्धु रेड-राट (लाल सड़न) रोग से बचाव हेतु जारी किये गए उपायों का करें अनुपालन-जिलाधिकारी। पीलीभीत/ गन्ने में वर्षाकाल के समय रेड-राट का प्रकोप अत्याधिक होने की सम्भावना होती है। रेड-राट रोग को गन्ने का कैंसर भी कहा जाता है। जिससे पूर्णतः नष्ट हो जाती है। गन्ना प्रजाति सीओ 0238 में लाल सड़न बीमारी को प्रकोप हो रहा है। रेड-राट (लाल सड़न) रोग से बचाव के उपाय-रोगग्रस्त/संक्रमित पौधे समूहों को उखाड़कर नष्ट कर दें। रोगी प्लाट से बीज का चयन न करें। खेत की गहरी जुताई करें तथा 25 किग्रा0 जिंक तथा 60 से 70 कु0 गोबर की खाद प्रति एकड़ डाल कर जुताई करें। गन्ना बोते समय अगेती प्रजाति सीओ 0238, सीओ 0118, सीओएस 08272, सीओ 98014 एवं सामान्य प्रजाति सीओएस 8279 के 02 आॅख के टुकड़ों का स्वस्थ व रोग/कीट रहित प्लाट से बीज लें। बीज काटते समय रोग/कीट वाले गन्ने को निकाल कर अलग कर दें। गन्ना बोने से पूर्व बीज को चीनी मिल में स्थित एम0एच0ए0टी0 मशीन से अथवा फफूॅद नाशक-हेक्सास्टाप/केयर/सीओसी (काॅपर आक्सीक्लोराईड) से शोधित अवश्य करें। अधिक जमाव के लिए गन्ने की ऊपरी 2/3 भाग का गन्ना ही प्रयोग करें। भूमि उपचार के लिए ट्राईकोडर्मा (फफूॅदीनाशक) का प्रयोग करें। कीटों (सफेद गिडार, दीमक, जड बेधक) के नियन्त्रण हेतु ऐमीडा क्लोरोपिड को 500 मि0ली0 पानी में मिलाकर बुबाई से पूर्व कूढ़ों में अवश्य डाले। उक्त रसायन गन्ना विकास समितियों में अनुदान पर उपलब्ध है। गन्ने की बुबाई टेªंच विधि से ही करे तथा कतार से कतार की दूरी 4 फीट से कम न रखे। बुबाई के उपरान्त मात्र 02 इंच मिट्टी डाल दें। बुबाई के उपरान्त पाटा किसी भी दशा में न लगाये। सिंगल बड विधि (एक आॅख के टुकडे) से गन्ने की बुबाई करें व आॅख से आॅख की दूरी 10 से0मी0 तक रखे, जिससे बुबाई में कम बीज लगे। जिस खेत में लाल सड़न की बीमारी लगी हो, उस खेत में एक वर्ष तक गन्ना न लगाये। अधिक जानकारी के लिए जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय से सम्पर्क करें।