दूसरों के दर्द को अपना दर्द समझने बाला नेता है वरूण गांधी

भारत देश के सबसे उच्च खानदान के चश्मो चिराग श्रीमती मेनका संजय गांधी के पुत्र वरुण गांधी का नाम शायद ही भारत की सरजमीन पर ऐसा हो जो न जानता है एक ऐसी अजीम शख्सियत और रहमदिल के नेता जो हमेशा अपने निजी खर्चे से गरीव और बे सहाराओ का सहारा बने मौजूदा समय में वरूण गांधी पीलीभीत से सांसद है इससे पहले भी वह पीलीभीत के सांसद रहे है वरुण एक ऐसे उंचे कद के नेता है जो हमेशा देश को ऊंचे मकाम पर पहुंचाने का माददा रखते है। उनकी जो सोच हमेशा देश के वेरोज़गारों वे सहाराओ का सहारा बनने की रही लेकिन पीलीभीत के कुछ राजनेताओ को शायद उनकी इस सोच पसंद नही आती और आये दिन वरूण गांधी की छवि को धूमिल करने की नाकाम कोशिश करते रहते है वरूण गांधी वह शख्सियत है जो लाकडाउन के समय पीलीभीत की भूखी बेसहारा जनता के पेट भरने के लिये उनका सहारा बने वरूण गांधी वह शक्सियत है जिसने कभी भी अपनी सांसद निधि को अपने पास नही रखा और उसे गरीव बेसहारों में बांट दिया ऐसा इमानदार और बढे़ दिल बाला नेता हमेशा पीलीभीत की राजनीति में जो एक बार विधायक बना उसने अपनी अकूत संपत्ति अर्जित कर ली लेकिन पांच बार सांसद रहने के बाद न ही बरूण गांधी की मां मेनका संजय गांधी और दो बार सांसद बनने के बाद वरूण गांधी ने अपनी निधी से पीलीभीत में कोई कारोवार किया न अपना मकान बनाया बजह एक बेहतर ईमानदारी जो हमेशा बरकरार रहेगी विवादों का नाता वरुण गांधी के साथ हमेशा रहा लेकिन उसके बाबजूद भी वरुण गांधी पीलीभीत की जनता की आंखो का तारा बने है।